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पाठकों राम राम 

जैसा कि आप सभी को पता ही होगा कि इस समय ज्येष्ठ माह चल रहा है और 3 जून को चौथा बड़ा मंगल है. तो आइये कुछ चर्चा करते हैं इस बड़े मंगल के बारे में.

सनातन धर्म में बड़ा मंगल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग के अनुसारइसकी शुरुआत ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार से होती है. इस महीने में बजरंगबली की पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है. मान्यता है कि बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सारे दुख मिट जाते हैं. इसके साथ ही जातक की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इसके अलावा बड़े मंगल के दिन भंडारा कराने का भी विधान है.

पौराणिक कथा के अनुसारहनुमान जी ने शनि देव की रावण से रक्षा की थीजिसके बाद शनिदेव ने हनुमान जी के भक्तों को वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति महाबली हनुमान की शरण में होगावह उसे कभी परेशान नहीं करेंगे. यदि आप पर शनि की ढैय्यामहा दशा या साढ़े साती चल रही है तो जेष्ठ माह में हनुमान जी का पूजा करने करने के साथ हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करने और चोला चढ़ाने से शनि दोष से राहत मिल सकती है.

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होतो ऐसी स्थिति में आपको हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए और बड़ा मंगल इसके लिए सबसे उचित अवसर है. बड़े मंगल को मंदिर में जाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और घी का दीपक लगाएं. उसके बाद हनुमान चालीसासुंदरकांडबजरंग बाण का पाठ करें. ऐसा करने से मंगल ग्रह के कारण मिलने वाली पीड़ा कम होती है.

बड़ा मंगल पूजा विधि (Bada Mangal Puja Vidhi)

बड़े मंगल के दिन स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

मंदिर की सफाई करने के बाद गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें।

इसके बाद चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति विराजमान करें।

हनुमान जी को लाल चोलाफूल और सुंदर अर्पित करें।

फलबूंदी के लड्डू और मिठाई का भोग लगाएं।

उसके बाद हनुमान चालीसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.

दीपक जलाकर सच्चे मन से आरती करें।

आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें।

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